Saturday 21 November 2020

फरे

भारत विभिन्न प्रदेशों के भांति-भांति के व्यंजनों के लिए भी प्रसिद्ध है। भारतीय व्यंजनों को देश विदेश सभी जगह बहुत पसंद किया जाता है।अधिकांशतः हमारे व्यंजन हमारे खेती और उत्सवों से जुड़े होते हैं। विभिन्न उत्सवों का हम बेसब्री से इंतज़ार करते हैं क्योंकि गाना बजाना, खूबसूरत सजीले वस्त्र
और पकवान पूरा करते हैं इन उत्सवों को। 

अक्टूबर आखिर या नवम्बर के प्रथम पंद्रह दिन के भीतर नया धान खेतों से उपहार में किसान हमें  देते हैं। चावल का आटा पिस कर आता है। धान के प्रसाद के रूप में चावल के आटे से करवा चौथ वाले दिन फरे बनाये जाते हैं। धान निरंतरता, प्रकृति की खुशहाली का प्रतीक है जो अजर अमर है। यही भाव करवा चौथ पर बनाये जाने वाले चावल के आटे के फरों के नेपथ्य में निहित होता है।

मेरी अम्माँ के हाथ के बने फरे मुलायम व विशिष्ट स्वाद वाले होते हैं। आज उन्होंने मुझे फरे बनाने सिखाये जिसे मैं आप सबके साथ साझा कर रही हूँ।

आइये हम भी फरे बनायें ...

Ingredients :-

चावल का आटा  - 250 gm

चने की दाल      - 125 gm

उड़द की दाल    - 125 gm

अदरक             - 50 gm या स्वादानुसार

हरी मिर्च           - 5,6 या स्वादानुसार 

हरी धनिया        - 1 tbsp बारीक कटी 

लाल मिर्च पाउडर - 1/4 tsp या स्वादानुसार

धनिया पाउडर      - 1 tsp या स्वादानुसार

सौंफ पाउडर          - 1 tsp से थोड़ा अधिक 

नमक                  - स्वादानुसार

Method :- 

रात भर चने और उड़द की दाल धोकर भिगो दीजिये।

सुबह पानी हटा कर दोनों दाल पीस लीजिये।

अदरक और हरी मिर्च को एक साथ पीस लीजिये।

उड़द की दाल 

                                                चने की दाल 


                                अदरक व हरी मिर्च का पेस्ट 


अब चावल के आटे में नमक मिलाइये और गर्म पानी की सहायता से आटा गूँध लीजिये।

दोनों पिसी दाल ,अदरक हरी मिर्च का पेस्ट, लाल मिर्च, धनिया पाउडर, सौंफ पाउडर और नमक मिलाइये।




बड़ी कढ़ाही में पानी उबलने के लिए रखिये।


पानी में नमक , हींग और शुद्ध घी डालिये और पानी में उबाल आने दीजिये।

अब फरे बनाना शुरू कीजिए।


हथेली पर हल्का सा रिफाइंड या शुद्ध घी लगाकर आटा फैलाइये। 

बीच में दाल का मिश्रण रखिये और आटे के दोनोँ किनारों को आपस में जोड़ते हुए ब्रेड रोल जैसा आकार दीजिये और उबलते पानी में धीरे से स्लाइड कर दीजिए।

सभी फरे पानी में डालकर मध्यम आंच पर उबलने दीजिये।


जब फरे अपने आप उबल कर ऊपर तैर आयें तो उन्हें पलट दीजिये।

पांच मिनट बाद बड़ी खुली थाली या बर्तन में निकालकर ठंडा होने रख दीजिए।


ठंडे हो गए फरे प्लेट पर निकालें।


ठंडे हो गए फरों के मनपसंद मोटाई के डम्पलिंग काट लीजिये।



अब फ्राइंग पैन में शुद्ध घी डालें और जीरा तड़काएँ।

इसमें फरे के डम्पलिंग डालकर शॉलो फ्राई कर लें।


फरे स्वाद लेने के लिए तैयार हैं।

हरी चटनी , गुड़ के आम के अचार के संग खाइये और खिलाइए।


बस एक ही आग्रह है कि रेसिपी आपको कैसी लगी यह बताना न भूलिएगा।

सम्भव हो तो मेरे ब्लॉग को फॉलो कर लीजिए।

Monday 9 November 2020

मटर चटपटी



लखनऊ की चाट बहुत मशहूर है। करारी आलू की टिक्की जो सादी और भरी हुई दो तरीके से यहाँ तैयार की जाती है। भरी हुई टिक्की में उबली सफेद मटर भरी जाती है, कई बार पुदीने के साथ अदरक और विभिन्न मसालों का मिश्रण भरा जाता है। चौक में खास तौर पर सोंठ वाली टिक्की भी मिलती है जिसे पारंपरिक चाट के कद्रदान बेहद पसंद करते हैं। गोलगप्पों का जिसे कहीं बताशा तो कहीं फुल्की कहा जाता है खास मसालों वाले पानी से भरे हुए और मटर, दही व इमली की चटनी के साथ बनाये जाते हैं। आजकल तो गोलगप्पों में भरा जाने वाला पानी बारह-तेरह तरीके से बनता है। चाट का ज़िक्र अधूरा रह जाता है सफेद मटर के बारे में बात किये हुए। सफेद मटर को रात भर भिगो कर सुबह नमक और पानी के साथ उबाली जाती है। इस उबली हुई मटर को अनेक तरीकों से तैयार करके परोसा जाता है। मटर में इमली की चटनी, खट्टी हरी चटनी और दही डालकर, मटर में सिर्फ हरी चटनी, दही और टूटे हुए गोलगप्पे डालकर, शुद्ध घी में करारी सेंक कर दही, चटनी और टूटे गोलगप्पों के साथ, घी में करारी सेंकी हुई मटर में इमली की खट्टी मीठी चटनी , हरी चटनी, मूली के साथ।

आज मैंने घर में बनाई है मटर। मेरी विधि थोड़ी अलग है जो मेरी माँ की अपनी इजाद की हुई रेसिपी है। उनकी मटर की ख़ासियत है कि वह इसमें घी या तेल का प्रयोग बिलकुल भी नहीं करती हैं। उनकी यह मटर सुबह के ब्रेकफ़ास्ट में कुरकुरारे टोस्ट के साथ, शाम की चाय पर मठरी के साथ और भोजन में लाल सिंके पराठों के साथ हम खाते हैं।

इस मटर को बनाने के लिए इसे सिर्फ नमक के साथ उबाला जाता है और मसाले मिलाये जाते हैं। जिसमें सोंठ की इमली वाली खट्टी मीठी चटनी मिलाई जाती है। हरी धनिया की पत्तियाँ इसकी खूबसूरती और स्वाद का भीनापन बढ़ा देती हैं। हमारे घर में कुछ लोग इसके ऊपर मूली के लच्छे डालकर भी खाना पसंद करते हैं।

आइये बनाते हैं सफेद मटर मेरी माँ की स्टाइल वाली ....

Ingredients :-

सफेद सूखी मटर     - 1 कप 

भुना जीरा पाउडर   - 2 tsps

धनिया पाउडर        - 2 tsps

लाल मिर्च पाउडर    -1/2 tsp या स्वादानुसार 

काला नमक            - 1/2 tsp

नमक                     - मटर को जांच कर जितना कम हो उतना बढ़ा लें 

अदरक                    - 1 tsp, बारीक कटी हुई 

हरी मिर्च                  - 1 बारीक कटी हुई 

मूली                         - 2 tsps, optional

इमली की चटनी         - 2 tbsps, गुड़,सोंठ से बनी खट्टी-मीठी चटनी , स्वादानुसार एडजस्ट करें 

Method :-

मटर को धुलकर रात भर भिगो दें।

पानी हटाकर दूसरा पानी और स्वादानुसार नमक डालकर कम से कम 5 से 7 सीटी देकर उबाल कर ठंडा होने दें।

गुनगुनी रह जाने पर जीरा पाउडर, धनिया पाउडर, लाल मिर्च पाउडर, काला नमक, यदि आवश्यकता हो तो सादा नमक, अदरक, हरी मिर्च और सोंठ वाली इमली की चटनी मिला दें।

बारीक कटा हरा धनिया डालें।



Ways to serve :-

1. मटर को जिस तरह बनी है वैसी ही सर्व करें।

2. मटर के ऊपर मूली डालकर सर्व करें।

3. शुद्ध घी में मटर को भून कर ऊपर से टूटे हुए गोलगप्पे या पतली वाली पापड़ी तोड़कर डालकर सर्व करें।

दोस्तों बनाइये मटर और खाइये - खिलाइए।

सम्भव हो तो मुझे बता दीजियेगा कि आपको कैसी लगी।

फिर से रिक्वेस्ट कर रही हूँ कि मेरे ब्लॉग को अधिक लोगों तक गूगल पहुँचा सके इसके लिए इसे follow अवश्य कर लीजिए।

Saturday 7 November 2020

इंस्टेंट गुलाबजामुन

 


“ दीपावली की मीठी शुरुआत ”

देसी मिठाइयों का कोई मुकाबला नहीं होता। जलेबी,इमरती,गुलाबजामुन, कालाजाम,चमचम,रसगुल्ला, मालपुआ,गुझिया आदि अधिकांश लोगों की पहली पसंद होती है।

परंपरागत तरीके से मिठाइयों का बनाया जाना ही उचित होता है क्योंकि उसकी विधि के हर स्टेप के पीछे कुछ न कुछ तर्क़ जुड़ा होता है। वह विशेष बात ही पकवान के स्वाद को न केवल बढ़ाता है बल्कि उसकी पौष्टिकता को भी काफी हद तक नियंत्रण में रखता है।

आजकल आपाधापी के दौर में सबसे पहले तो इतनी फ़ुरसत नहीं होती कि बाजार जाए और हर सामग्री लाये। दूसरे कभी-कभी सामान आ गया तो बनाने की फ़ुरसत नहीं मिलती। शायद यही वजह रही होगी कि “ इंस्टेंट ” शब्द व्यंजनों के साथ भी जुड़ गया। पारंपरिक सामग्री को छोड़कर शार्ट कट के लिए अनेक चीजों के साथ प्रयोग शुरू हुए जो पारंपरिक व्यंजन का हूबहू नहीं तो काफी स्वाद व रूप-रंग की नकल बनाने में सफल रहे।

आज मैंने पारले जी बिस्कुट से गुलाबजामुन बनाये। कुछ लोगों ने खाया और तारीफ भी की।

आपको सामग्री और विधि बता देती हूँ जिसे आप चाहें तो बना कर देखिएगा।

Ingredients :-

पारले जी बिस्कुट  - 130 gm

मिल्क पाउडर       - 1 tbsp

दूध                        - आवश्यकतानुसार 

शुद्ध घी                  - तलने के लिए

शक्कर                   - 3/4 कप

पानी                       - 3/4 कप

इलायची पाउडर     - 1/4 tsp


Method :-

शक्कर और पानी से दो तार की चाशनी बना लीजिए।



गैस बंद करके इलायची पाउडर डाल दीजिए।

पारले जी बिस्कुट को मिक्सी में पाउडर कर लीजिए।

चलनी से छान कर यदि कोई टुकड़ा रह गया हो तो उसे वापस दुबारा पीस लीजिये।

बिस्कुट पाउडर में मिल्क पाउडर मिलाइये।



रूम टेम्परेचर पर आ गए दूध से सख़्त आटा गूँधइये।



छोटी गोलियाँ  एकदम चिकनी बना लीजिए।



घी गरम कीजिये।

मध्यम आँच पर गोलियाँ सुनहरी फ्राई कीजिये।

गोलियों के सुनहरा हो जाने पर घी से निकाल कर चाशनी में डुबाइये।



दो से तीन घण्टे ढ़ककर रखिये।



सर्व करने से पहले माइक्रोवेव में गर्म कर लीजिए।

बस मेरे ब्लॉग को फॉलो करना नहीं भूलिएगा।

हो सके तो बताइयेगा रेसिपी आपको कैसी लगी।