Monday 28 September 2020

राजस्थान का तोहफ़ा : गट्टे की सब्जी








राजस्थान के व्यंजन अदभुत होते हैं जिन्हें मैं वास्तविक शाही भोजन मानती हूँ। सांगरी का साग मेरी सबसे प्रिय डिश है। वहाँ की प्याज की कचौड़ी , मसाला दाल , गट्टे की सब्जी आदि मेज को रौनक प्रदान करती हैं। 

आज बात करेंगें गट्टे की सब्जी की जो पारंपरिक ढंग से थोड़ा अलग हट कर मैं बनाती हूँ। ग्रेवी बनाने के लिए मैं प्याज टमाटर का प्रयोग करती हूँ। ग्रेवी में दही का प्रयोग करती हूँ रंग निखारने और स्वाद में एक टैंगी स्वाद लाने के लिए।

बेसन जितना अधिक स्वादिष्ट होता है उतना ही अधिक भारीपन देता है और गैस बढ़ाता है। बेसन के साथ थोड़ा खुला हाथ रखकर अदरक, अजवायन और मेथी का प्रयोग करती हूँ। बेसन के गट्टे की ख़ास बात होती है उसकी मुलायमियत या सॉफ्ट होना। बहुत सारे लोग सॉफ्ट गट्टे बनाने के लिए खाने वाला सोडा डालते हैं। मैं गट्टों को सॉफ्ट रखने के लिए शुद्ध घी/ देसी घी और दही का प्रयोग करती हूँ।

गट्टे का साइज छोटा ही सही माना जाता है किन्तु मैं थोड़ा बड़े साइज का गट्टा बनाती हूँ। गट्टे उबलने के लिए पानी में हल्का सा नमक मिलाती हूँ जिससे गट्टे के रोल फटे नहीं।

आइये तैयारी कर ली जाये। सारे काम को steps में बांट लीजिये। तीन चार बार बनाने के बाद हर स्टेप अपने आप याद आ जायेगी, आपको डायरी नहीं देखनी पड़ेगी।

Step I 
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Ingredients :-

बेसन              - 1 कप
नमक              - स्वादानुसार
लाल मिर्च        - 1/2 tsp 
हल्दी               - 1/4 tsp
गरम मसाला     - 1/2  tsp
अजवायन        - 1 tsp
मेथी दाना         - 1/4 tsp
जीरा               - 1 tsp , भुना हुआ
सौंफ               - 11/2 tsps
धनिया साबुत   - 2 tsps
कसूरी मेथी      - 2 tsps
शुद्ध घी            - 1 tbsp
रिफाइंड ऑयल - 1 tbsp
दही                 - 1/2 कप 
पानी                - आवश्यकतानुसार 

Method :-



धनिया, सौंफ, जीरा, अजवायन और मेथी दाने को मोटा कूट लीजिये।

कसूरी मेथी हल्की भूनकर दरदरी कर लीजिए।

बेसन में नमक, मिर्च, हल्दी, कुटा हुआ मसाला और कसूरी मेथी मिलाइये।

अब इस मिश्रण में घी और रिफाइंड मिलाइये। बेसन को रगड़ कर एकसार कर लीजिए।

बेसन में दही अच्छी तरह से मिलाइये।

अब आवश्यकतानुसार पानी का प्रयोग करते हुए आटा गूँध लीजिये। बेसन पानी सोखता है सो इस बात को ध्यान में रखते हुए दस मिनट बाद फिर से पानी की छींट डालते हुए बेसन गूँध लीजिये और ढ़क कर 20 मिनट के लिए रख दीजिए। 

20 मिनट बाद बेसन को फिर से 5 से 7 मिनट तक लगातार गूँध लीजिये।


अब अपनी मनपसंद साइज में बेसन के लंबे रोल जो आपके उबालने वाले बरतन में आ जायें बना लीजिए।

                   【 ओरिजनल साइज : गुुगल से 】


रोल के किनारों को एकदम फ्लैट रखियेगा जिससे कोई गट्टा बेडौल न दिखाई दे।


यहाँ ध्यान दीजिए चित्र में गट्टा रोल बीच-बीच में फटा हुआ है। इसे फिर से एक साथ करके गूँध कर नए रोल बना लेने चाहिए।

अब आती है बारी इन गट्टा रोल को उबालकर पकाने की।


एक बड़े और खुले मुँह के बरतन में पानी उबलने रखिये।
थोड़ा सा नमक डालना नहीं भूलिएगा।
पानी को उबलने दीजिये।


अब उबलते पानी में गट्टे के रोल डालिये।
आँच तेज ही रखिये।
गट्टों को अधिक हिलाइये मत।
जब गट्टे उबल कर पक जायेंगें तो स्वयं हल्के होकर ऊपर तैर आयेंगें।
ऊपर आ गए गट्टों के रोल को बड़ी थाली में निकाल कर ठंडा होने रख दीजिए।
यहाँ भगौने में जो पानी बचा है उसे जाली से ढ़ककर रख दीजिए क्योंकि वही पानी ग्रेवी बनाते समय प्रयोग में आएगा।

                    【 यह चित्र गूूूूगल से लिया है 】


मैंने इस तरह डबल मोटे साइज के गट्टे बनाये हैं।
इनको ठंडा करके गोल डम्पलिंग काट लीजिये।
मैं आपको पारंपरिक चित्र भी दिखाती हूँ जिसे मैंने गूगल से लिया है और जो मैं बनाती हूँ वह भी दिखाती हूँ।

                 【 चित्र गूगल से 】

अब वह चित्र जो मैंने बनाया है उन गट्टों के डम्पलिंग देखिए।




अब हो गयी मुख्य तैयारी।
अगली महत्वपूर्ण स्टेप है ग्रेवी का बनाया जाना।

Step II
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Ingredients :-

प्याज     - 2 मध्यम आकार के 
टमाटर    - 3 मध्यम आकार के
अदरक   - 1 इंच टुकड़ा
हरी मिर्च - 3,4 स्वादानुसार
नमक     - स्वादानुसार
गरम मसाला - 1 tsp
लाल मिर्च     - 3/4 tsp
हल्दी            - 1 tsp
धनिया पाउडर - 2 tsps
बड़ी इलायची - 1
तेजपत्ता        - 2
जीरा             - 1/2 tsp
हींग               - एक चुटकी 
मेथी दाना       - 1 tsp
कसूरी मेथी      - 2 tbsps
दही                - 1 tbsp
रिफाइंड ऑयल - 1 tbsp


प्याज को बारीक पीस लें। पानी का प्रयोग कम से कम करें। सम्भव हो तो न करें।




अदरक, हरी मिर्च और टमाटर को बारीक पीस लें।



कसूरी मेथी को गरम तवे पर 1 मिनट चला कर मिक्सी में पाउडर कर लें।
दही को फेंट कर चिकना कर लें।



दही में लाल मिर्च , हल्दी, धनिया पाउडर , कसूरी मेथी को मिलाकर ढक कर रख दें।




11/2  tbsps रिफाइंड ऑयल को गरम करें।
धीमी आंच पर कटे हुए गट्टों के डम्पलिंग को हल्का गुलाबी फ्राई कर लें।

यह हो गयी तैयारी। 
अब अंतिम चरण की ओर बढ़ते हैं।
गट्टों को तलने के बाद जो रिफाइंड ऑयल  बचा है उसी में आगे का कार्य करें।

Step III
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मध्यम आंच पर गरम तेल में हींग , जीरा , तेजपत्ता, इलायची और मेथी दाना डालकर तड़का तैयार करें और उसमें प्याज डालकर गुलाबी भूनें।





प्याज गुलाबी हो जाने पर टमाटर डालकर भूनें और साथ में नमक डालें। 
टमाटर भूनते समय नमक डालने से टमाटर का रंग बढ़िया उतरता है।


जब प्याज टमाटर से तेल छूटता दिखने लगे तो आँच एकदम धीमी करके दो मिनट और भूनें जिससे तेल एकदम छूट जाए।

इसमें दही और मसाले वाला मिक्सचर डालें और लगातार चलाते हुए भूनें। दही को चलाते हुए भुनने से दही छितरता नहीं है बल्कि उसका क्रीमी टेक्सचर आता है।
जब दही वाले मिश्रण से तेल बाहर दिखने लगे तो गट्टे डालें और दो मिनट हल्के हाथ से चलाएं।



अब जो गट्टों का उबला हुआ पानी रखा हुआ है उसे मिलायें।
नमक स्वादानुसार चेक करें क्योंकि पहले ही नमक का प्रयोग हो चुका है।




दो उबाल आने के बाद गैस बंद कर दें।




गरम मसाला व कसूरी मेथी डालें और दो मिनट के लिए ढ़क कर रखें।



गट्टे की सब्जी पेश होने के लिए तैयार है।


आपको रेसिपी कैसी लगी यह बताना नहीं भूलिएगा।
ब्लॉग को फॉलो न् किया हो कर लीजिए।

Monday 21 September 2020

neeta’s special दाल



दाल भारतीय भोजन का अभिन्न अंग है। एक संतुलित भोजन की थाली दाल के बिना अधूरी होती है। हम विभिन्न प्रकार की दालों से समृद्ध हैं। इन सभी दालों को बनाने के तरीके भी बहुत सारे हैं। तड़के के बिना दाल अधूरी होती है। दाल में पड़ने वाले तड़के भी दाल के प्रकार के अनुसार अलग-अलग तरह के होते हैं। 


पारंपरिक रूप से दादी नानी के समय रसोई के जागने की शुरुआत ही दाल का अदहन चूल्हे पर चढ़ाये जाने से होती थी। बड़ी-बड़ी बटलोई / बटुली पर बाहर की तरफ से मिट्टी की परत लगा दी जाती थी तब अदहन चढ़ाया जाता था। लकड़ी की मद्धम आँच पर जब अदहन खौलने लगता तब उसमें नोन ( नमक ), हल्दी छोड़ी /डाली जाती। एक उबाल आने पर ढ़ेर सारा झाग किनारे आने लगता तब उसमें दाल छोड़ी जाती। ऊपर से ढ़क्कन लगा दिया जाता और आँच को धीमी रखने के लिए चूल्हे की लकड़ी को चूल्हे के मुँह के पास से , जिस पर बटुली चढ़ी होती, जरा किनारे खिसका दिया जाता। धीमी आँच पर दाल अपनी विशिष्ट सोंधास के साथ बनती थी। दादी हमेशा कहती जितना धीरज धर कर दाल पकने दी जाएगी तो उसमें स्वाद उतना ही उतरेगा।


धीरे-धीरे चूल्हे गैस में बदल गए। कुछ स्वाद उसके साथ चला गया। फिर समय की कमी के कारण शार्ट कट ढूंढ़ लिए गए जिनसे समय की बचत हो। इसने उस मूल स्वाद को एकदम ही उड़ा दिया। अब व्यंजनों से घी तेल मसाले सब कम से कम और कुछ में तो लोप ही होने लगे। स्वास्थ्य की दृष्टि से यह ठीक भी है। 


दाल पकाते समय यदि गैस को धीमी रखा जाये और भरपूर समय दिया जाये तो काफी हद तक स्वाद को वापस लाया जा सकता है। शुद्ध घी का प्रयोग दाल के स्वाद को बढ़ाता है। एक बेहतरीन बना तड़का दाल में रौनक ला देता है।


आज बात करूँगी neeta's special दाल की। यह दाल बनाते समय मुझे कई प्रयोग अलग-अलग समय पर करने पड़े तब इसका स्वाद मुझे अपनी कल्पना के अनुरूप मिला। Source of inspiration रही दाल मखनी और शाही मसूर जिसके मिश्रित स्वाद को लाने का प्रयास मैंने किया।


उड़द को भारी दाल माना जाता है। राजमा भी high protein diet है। इसमें  साबुत काली उड़द, राजमा , मसूर, साबुत मूंग और चने की दाल मिक्स की। अनुपात रखा ...

उड़द - 1 कप

राजमा - 1/4 कप

मसूर - 1/4 कप

मूंग - 1/6 कप

चने की दाल - 1/6 कप 

इस अनुपात में दाल को मिक्स करके बोतल में भर कर रख लिया और आवश्यकतानुसार प्रयोग में लिया।


आइये बताती हूँ इसे बनाना कितना सरल है। सिर्फ यह बनाने में समय अधिक लेती है। जितना अधिक समय देकर इसे बनाया जाता है इसका स्वाद उतना ही निखरता जाता है। आँच हमेशा धीमी रखनी होती है और दम पर लगा कर यह बेहतरीन बनती है।


Ingredients :-

दाल मिक्स - 1 कप

नमक        - स्वादानुसार

हल्दी         - 1/2 tsp

मेथी दाना   - 1 tsp


प्याज      - 3 मध्यम आकार के, बारीक कटे 

टमाटर प्यूरी - 3 मध्यम आकार के टमाटर से बनी

अदरक       - 1 इंच टुकड़ा

हरी मिर्च     - 2 , अगर तीखी हो तो सिर्फ एक

जीरा          - 1/2 tsp

हींग           - 2 चुटकी या 1/4 tsp

शक्कर       - 1 tsp

कश्मीरी लाल मिर्च - 1 tsp

गरम मसाला - 1/2 tsp

तेजपत्ता      - 2

बड़ी इलायची -1

फ्रेश मलाई    - 1 tbsp, फेंटी हुई

कसूरी मेथी     - 11/2 tsp, हल्की भुनी हुई

शुद्ध घी    - 1 tbsp

मक्खन    - 1 tbsp

फ्रेश क्रीम - 1 tbsp


Method :-


Step I

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रात भर के लिए दाल को धोकर भिगो दें।

बनाने से पहले उसका पानी हटा दें।





कुकर में गरम पानी में दाल, हल्दी, मेथी और नमक डालकर 2 सीटी तेज आँच पर और 3 सीटी धीमी आँच पर दें। 



पानी दाल से 4 ऊँगली ऊँचा होना चाहिए।


Step II

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अदरक और हरी मिर्च बारीक पीस लें।

टमाटर को बारीक काट कर पीसें जिससे वह एकदम बढ़िया प्यूरी बन जाये।

प्याज को बारीक काट लें।

फ्रेश क्रीम और बटर को फ्रिज से बाहर कर लें।


Step III

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घी गरम करके जीरा, हींग, तेजपत्ता, इलायची डालें। 

जीरा गुलाबी हो जाने पर प्याज डालें और आँच धीमी रखें।

प्याज को गुलाबी भून लें।

अदरक हरी मिर्च का पेस्ट डालकर भूनें।

इसमें टमाटर की प्यूरी डालें और थोड़ा सा नमक डालें जिससे टमाटर का लाल रंग उतर आए।

टमाटर को घी छूटने तक भूनें।

इसमें शक्कर डालकर 10-12 सेकेंड भूनें।

अब इसमें फ्रेश मलाई डालकर तब तक भूनें जब तक मलाई टमाटर प्याज में सोख कर घी छोड़ दे।

अब कश्मीरी लाल मिर्च और गरम मसाला मिलायें।

दाल डालें।

नमक को चेक कर लें।

आवश्यकतानुसार गरम पानी मिलायें जिससे दाल पकाते समय पानी सूख जाने से जले नहीं।

धीमी आँच पर तीन सीटी दें।

जब कुकर की गैस निकल जाये तो ढ़क्कन खोलकर दाल अच्छी तरह चला दें।




अब 5,6 मिनट तक धीमी आँच पर कुकर के ढ़क्कन को हल्का खुला रखते हुए , बिना सीटी के, पकायें।

बीच-बीच में चलाती रहें।

कसूरी मेथी मिलायें।

गैस बंद कर दें।

Serving Options :-

1. घी में जीरा और लाल मिर्च का तड़का बना कर सर्व करते समय डालें।


2. 

सर्विंग डिश में दाल डालें।



ऊपर से फ्रेश क्रीम डालें।

मक्खन का पीस सेंटर में रखें।

सर्व करें।


यहाँ आपको एक टिप देना चाहूँगी।

अगर आपके पास कोरी परई है,  जिसे सकोरा कहते हैं, तो उसे गैस पर गरम करें जब वह लाल सी दिखाई देने लगे तो सर्विंग डिश में रखी दाल के ऊपर उसे पकड़ से कुछ ऊपर रखते हुए गरम खौलता हुआ शुद्ध घी उसके ऊपर से दाल पर डालें।

बाद में परई भी दाल में एक मिनट के लिए डाल दें।

परई हटाकर दाल सर्व करें।

Sunday 20 September 2020

मटर की कचौड़ी का पाउडर


 सौंफ - 1 tsp ,  भूनकर पिसी हुई 

जीरा - 3/4 tsp , भूनकर पिसा हुआ

लाल मिर्च - 1/2 tsp या स्वादानुसार

हींग - एक चुटकी से अधिक , तवे पर हल्की भुनी हुई 

गरम मसाला - 1 tsp

सोंठ - 1/6 tsp ( ऑप्शनल )

काला नमक - 1/4 tsp ( ऑप्शनल )

नमक - स्वादानुसार 

मटर - 3 tbsps पाउडर 


सूखी हरी मटर को पीस कर बारीक पाउडर कर लीजिए।

छानकर यदि कोई दाना रह गया हो तो उसे फिर से पीस लीजिये।



हींग को गरम तवे पर हल्का भून लीजिये।

जीरा भूनकर पीस लीजिये।

बड़ी वाली सौंफ को गुलाबी भूनकर पीस लीजिये।

अब सभी सामग्री को 2 से 3 राउंड मिक्सी में पीस लीजिये।

कांच की धूप दिखाई हुई बोतल में भर कर रख लीजिए।


जब कचौड़ी या पराठा बनाना हो तो मात्र आधा घण्टे पहले गुनगुने पानी से भिगो दीजिये।

पानी उतना ही डालिये जितने में वह भीग जाए पर पानी ऊपर न दिखाई दे।

इसमें  भरते समय अपनी पसंद के अनुसार अमचुर पाउडर भी मिलाया जा सकता है।

आटा या मैदा गूँध कर इसी मटर की पीठी को भरिये और बेमौसम कचौड़ी या पराठा बना कर खाइये।

यदि समय से धूप दिखाते रहें और साफ सफाई से बोतल में बन्द करके रखें तो यह मटर का मसाला छह महीने तक एक्सपायर नहीं होता।


यहाँ आपसे एक चाय के साथ सर्व करने वाली मटर कचौड़ी का ज़िक्र करना चाहूँगी। 




इसकी फिलिंग में थोड़ा सा गुड़ कद्दूकस करके, अमचुर , किशमिश, बारीक कटी हुई हरी मिर्च और बारीक कटी अदरक भी मिलाइये।

अगर ताजी मटर की फिलिंग तैयार करें तो भी मसाले यही डालेंगें। बस मटर को पीस कर रिफाइंड में हींग जीरे का तड़का लगा कर पिसी मटर को खूब अच्छा गुलाबी रंग आने तक भूनें। मसाला , हरी मिर्च , अदरक और नमक मिलायें। गैस बंद करके गुड़ , अमचुर और किशमिश मिलायें। फिलिंग ठंडी हो जाने पर भरें।

अंत में वही पुराना आग्रह .... 

मेरे ब्लॉग को फॉलो कर लीजिये।

मुझे बताना न भूलिए कि ब्लॉग में दी रेसिपी आपके कितना काम आई।

नोट :- चित्र गूगल से आभार सहित।

Friday 11 September 2020

बुकनू


 

बुकनू नाम ही काफी है मुँह में पानी आने के लिए। कानपुर का बुकनू प्रसिद्ध होता है। वर्षों पहले वह स्वाद कानपुर की लड़कियाँ जब ब्याह कर लखनऊ आईं तो रसोई के खास नुस्खे साथ ले आईं। तब से बुकनू लखनऊ वाला भी प्रसिद्ध हो गया।

हमारे लखनऊ कानपुर की तरफ बुकनू खाने का बड़ा रिवाज़ है। पूड़ी हो,पराठा हो,मठरी हो, बासी हो या ताजी हो बुकनू मौके-बेमौके खाया जाता है। अमरूद की फांक हो या केला अथवा सेब एक बार बुकनू से खा कर देखिए पसंद न आये तो कहिएगा।

आज बुकनू की याद दिलाई शम्भूनाथ शुक्ला सर ने। तिकोना पराठा और बुकनू सुबह ही सुबह भोग लगा रहे थे। कितने सारे लोग ( जो पक्का युवा पीढ़ी के ही होंगें ) हैरान थे बुकनू का नाम सुनकर।

यूँ तो पारंपरिक बुकनू बनाने में कुल 22 आइटम लगता है पर हम कुछ शार्ट कट के समय में कुल छह चीज से भी काम चला लेते हैं। मजबूरी कोरोना काल का है और कुछ सामग्री अमीनाबाद से लानी होती है जहाँ पैदल चलकर ही खरीदारी सम्भव है और विशेषता ये कि आपको खुद नहीं चलना है बल्कि भीड़ धक्के मार कर आपको चलाती रहेगी, फिर भले ही आपको जाना हो ईरघाट पर भीड़ की अति कृपा से पहुँच जाइयेगा मीरघाट।

शार्ट कट भी अभी बता देती हूँ। वक्त जरूरत काम आता है।

अमचुर              - 100 gm

सोंठ                  -  50 gm

सफेद मिर्च         -  50 gm

जीरा पाउडर        - 50 gm जीरा भूनकर पिसा हुआ

लाल मिर्च पाउडर  - 50 gm ( या स्वादानुसार )

हींग                     - 1 tsp

काला नमक          - 50 gm

सफेद नमक          - स्वादानुसार

सेंधा नमक            - 25 gm

सभी सामग्री अच्छी तरह मिलाकर एयर टाइट बोतल में भर लें।

जब मन करे खायें खिलायें।

अब आइये बात करें पारंपरिक बुकनू की जो दादी नानी बनाया करती थीं। 

जब हम पारंपरिक बुकनू की बात करते हैं तो दादी नानी की रसोई का मसालदान बहुत याद आता है। यह मसालदान लकड़ी का आयातकार बना हुआ था जिसमें चौकोर खाने थे। इन्हीं खानों में मसाले भरे रहते। प्रतिदिन के लिए छोटा और साप्ताहिक प्रयोग के लिए बड़ा मसालदान होता था। पत्थर की बरनी में खड़े मसाले रखे जाते थे। समय-समय पर उनको धूप दिखाना, हवा में परात में रखना आदि होता रहता।

ख़ैर ... मूल मुद्दा अब पहले। बुकनू बनाने में 22 सामग्री का गिनकर प्रयोग होता है। कुछ फ्राई की जाती हैं ,कुछ सूखी भूनी जाती हैं और कुछ सीधे मिलाई जाती हैं। चार स्टेप में बुकनू बनाने की प्रक्रिया पूरी होती है।

आइये कुछ सामग्री देख लें।




इसमें पड़ती है छोटी और बड़ी हर्र, बहेड़ा, पीपर, बायविरंग/वायविडंग , मरोड़ फली/केवण/कुपसी , सूखा आँवला, सोंठ, साबुत हल्दी आदि।

देसी घी का प्रयोग होता है तलने के लिए।

आँच चाहे तलते समय हो या भूनते समय धीमी रखी जाती है जिससे हर्र, बहेड़ा, हल्दी आदि जलें नहीं। जीरा आदि अच्छे से भुन जायें और उनमें सोंधापन आये।

मसालों को अच्छी तरह बीन-बिचार लीजियेगा।

बहेड़ा को तलने से पहले तोड़कर उसका बीज जिसे गुठली कहते हैं निकाल दीजियेगा।

बड़ी और छोटी इलायची के दाने निकाल लीजियेगा।

तलने के बाद ठंडा हो जाने पर खड़े मसालों को छोटे टुकड़ों में इमामदस्ते /खल्लड़ में तोड़ लीजियेगा और मिक्सी में पाउडर करने से पहले थोड़ा नमक साथ में अवश्य डाल लीजियेगा जिससे मसाला आसानी से बारीक हो जाये।


Ingredients :

1. छोटी हर्र       - 25 gm

2. बड़ी हर्र        - 25 gm

3. बहेड़ा           - 25 gm

4. पीपर            - 10 gm

5. बायविरंग       - 10 gm

6. मरोड़फली      - 10 gm

7. साबुत हल्दी    - 40 gm

8. बड़ी इलायची  - 5,6 इलायची के दाने

9. छोटी इलायची  - 10 , दाने निकले हुए

10.  सोंठ              - 20 gm

11. सौंफ मोटी     - 15 gm

12. जीरा             - 15 gm

13. अजवायन      - 15 gm

14. हींग               - 2,3 gm

15. लाल मिर्च       - स्वादानुसार

16. सफेद मिर्च      - 15 gm

17. सूखा आँवला   - 25 gm

18. अमचुर           - 200 gm / स्वादानुसार

19. काला नमक     - 75 gm

20. सेंधा नमक       - 25 gm

21. सादा नमक       - 125 gm / स्वादानुसार

22. देसी घी             - 1 tbsp


Method :


Step 1

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1 tbsp देसी घी को कढ़ाई में गर्म कीजिये। आँच धीमी रखिये।

सबसे पहले हर्र , बहेड़ा, सोंठ को हल्का लाल होने तक लगातार चलाते हुए फ्राई करें।

अब इसी घी में हल्दी लाल होने तक फ्राई करें।

यह सामग्री थाली पर फैला कर ठंडी होने दें।


2nd Step

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जीरा, अजवायन, हींग,सौंफ, बड़ी इलायची को हल्का भूरा होने तक भून लें और प्लेट पर ठंडा होने के लिए फैला दें।

पीपर, मरोड़फली को 3,4 मिनट तक भूने और प्लेट पर निकालें।

बायविरंग को 3 मिनट तक भूनकर प्लेट पर निकालें।

सूखा आँवला भूने।  2 से 3 मिनट बाद उसे भी प्लेट पर ठंडा होने के लिए रखिये।

अच्छा होगा यदि सूखी भुनाई के लिए भारी तले का बरतन प्रयोग किया जाए।


Step 3 

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जितने खड़े मसाले हैं उन्हें इमामदस्ते /खल्लड़ में छोटे टुकड़े कर लें।

अब उन्हें बारीक होने तक मिक्सी में पीस लें।

जीरा, सौंफ, हींग, अजवायन को पाउडर कर लें।

छोटी इलायची पाउडर कर लें।


Step 4 

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अब सब पाउडर किये मसाले, पिसी हुई छोटी इलायची का पाउडर, नमक, सेंधा नमक, काला नमक, लाल मिर्च पाउडर, जीरा, अजवायन वाला पाउडर और अमचुर बहुत अच्छी तरह मिला लें।

इस मिक्सचर को छान लें। शेष बचे मोटे मसालों को फिर से मिक्सी में चलकर छान लें। 

एक बार फिर से छाने हुए मसालों को एक साथ मिला लें।

आपका बुकनू तैयार है।




एयर टाइट बोतल में भरकर रखें।

चलते-चलते वही पुराना आग्रह  ब्लॉग को follow कर लीजिए और अपनी राय कमेंट बॉक्स में हो सके तो अवश्य दीजिये।

Wednesday 9 September 2020

शाकाहारी कबाब रोल


 

शाकाहारी कबाब रोल / वेज कबाब रोल एक बेहद पसंद किया जाने वाला स्ट्रीट फूड है। मोमो और चाउमीन के बाद सबसे अधिक बिकने वाला यह स्ट्रीट फूड घर में बहुत आसानी से बनाया जा सकता है। घर में बनने पर क्वालिटी चेक बना रहता है जिसे बेफ़िक्र होकर खाया जा सकता है।

वेज कबाब/ शाकाहारी कबाब रोल के साथ टोमॅटो सॉस के अलावा लहसुन की दही वाली चटनी जिसे आजकल “ रेड डिप ” कहते हैं ,बहुत पॉपुलर है। इसके साथ ही “ ग्रीन डिप ” जो धनिया और दही की चटनी का ही एक स्वरूप है, भी सर्व किया जाता है। वैसे पारंपरिक रूप से घर में बनाई जाने वाली धनिया पुदीने की चटनी भी  बहुत अच्छा स्वाद देती है।



लहसुन दही का डिप बनाना भी बहुत आसान है। जिसको बनाने के लिए चाहिए होता है ...

लहसुन              - 10, 12 कली 

अदरक                 - 1/2 इंच टुकड़ा बारीक कटा 

कश्मीरी लाल मिर्च -  15, 17 【 3 घण्टे 1 कप गरम पानी में भीगी हुई 】

लाल मिर्च              - 4,5 या स्वादानुसार

लहसुन                   - 3,4 कली , एकदम बारीक कटा हुआ 

नमक                      - स्वादानुसार 

करी पत्ता                  - 6,7 पत्ती

जीरा                        - 1/6 tsp

पीली राई                  - 1/4 tsp

सफेद मिर्च                - 1/4 tsp

रिफाइंड ऑयल          - 1 tbsp

दही                          - 1 कप 

कश्मीरी मिर्च पानी निकाल कर लाल मिर्च के साथ बारीक पीस लें।

अदरक और लहसुन बारीक पीस लें।

मध्यम आंच पर 1/2 tbsp रिफाइंड गर्म करें और उसमें बारीक कटा हुआ लहसुन गोल्डन फ्राई करें।

इसमें पिसा हुआ अदरक और लहसुन पेस्ट डालकर गोल्डन करें और मिर्च का पेस्ट डालें और अच्छी तरह चलायें। नमक, सफेद मिर्च मिलायें। लगातार चलाते हुए तेल दिखने तक भूनें।

आँच से हटा दें।

अब एक पैन में बचा हुआ रिफाइंड डालें और गर्म होने दें।

उसमें राई, जीरा और करी पत्ता डालें इस तड़के में मिर्च वाला तैयार पेस्ट डालें।

दही डालकर लगातार चलाते हुए 2 मिनट तक भूनें।

आँच एकदम धीमी करके ढ़ककर 4 से 5 मिनट तक पकने दें।

जब रिफाइंड पेस्ट से ऊपर दिखने लगे तो गैस बंद कर दें।

ठंडा करके जार में भर लें।

यह लहसुन मिर्ची दही का रेड डिप तैयार है।

इसे फ्रिज में एक सप्ताह तक रख कर खाया जा सकता है।



ग्रीन डिप बनाने के लिए चाहिए ...

हरा धनिया - 150 gm , मोटा कटा

पुदीना        - 50 gm , मोटा कटा

हरी मिर्च     - 2, 3 या स्वादानुसार 

हींग            - एक चुटकी

दही            - 150 gm

दही को छोड़कर सभी सामग्री बारीक पीस लें।

आखिर में दही डालकर मिक्सी को एक मिनट के लिए और चला लें।

डिप तैयार है जिसे सप्ताह भर फ्रिज में रखा जा सकता है।




अब तैयारी करते हैं पराठे की।

मैदा     - 1+1/2 कप

दही      - 1/2 कप , गाढ़ा 

नमक   - 1/6 tsp

पानी    - आवश्यकतानुसार

मैदे में नमक व दही मिलाकर आटा गूँध लें।

ढ़ककर रख दें।



अब शुरू करें कबाब बनाना शुरू करें , जिसके लिए मसूर और चने की दाल को रात भर भिगो दें।

मसूर   - 1 कप 

चने की दाल - 1/8 कप 

प्याज - 1 मध्यम आकार का , बारीक कटा हुआ 

लहसुन  - 5,6 कली 

अदरक  - 1/2 इंच का टुकड़ा 

हरी मिर्च - 2 या अपनी पसंद के अनुसार 

तेजपत्ता - 1

जीरा  - 1/6 tsp

हींग   - 1 चुटकी 

दालचीनी - 1 इंच का टुकड़ा

जायफल - एक चुटकी पाउडर

जावित्री - एक पतला धागा 

लाल मिर्च - 1/6 tsp - optional

गरम मसाला - 1/4 tsp

नमक - स्वादानुसार

चाट मसाला - 1/4 tsp - optional

हरा धनिया - 1 tbsp बारीक कटा 

रिफाइंड ऑयल - 1 tsp

रिफाइंड ऑयल - कबाब को शैलो फ्राई करने के लिए

मसूर , चने की दाल, दालचीनी और नमक कुकर में डालकर इतना पानी डालें कि दाल से सिर्फ एक इंच ऊपर हो। इसे कम से कम मध्यम आँच पर 4 से 5 सीटी आने तक पकायें और खुद से ठंडा होने दें।

अदरक, हरी मिर्च और लहसुन को बारीक पीस लें।

गुनगुनी दाल को मिक्सी में बारीक पीस लें।

पैन में रिफाइंड गरम करें।

तेजपत्ता, जीरा ,हींग का तड़का तैयार करके प्याज डालें और गुलाबी होने तक धीमी आँच पर भूनें।

अदरक लहसुन हरी मिर्च का पेस्ट डालकर गुलाबी होने तक लगातार चलाते हुए भूनिये।

जावित्री का धागा डालकर कुछ सेकेण्ड तक भूनिये।

लाल मिर्च और जायफल डालिये और मिलाइये।

दाल डालिये और मिला लीजिए।

गरम मसाला और चाट मसाला मिलाइये।

गैस बंद करके हरा धनिया मिलाइये और मिश्रण ठंडा होने दीजिए।

मिश्रण गुनगुना रह जाने पर तेजपत्ता निकाल दीजिये और सारे मिश्रण को एक बराबर 10 हिस्सों में बांट कर कबाब का आकार दीजिये।

फ्राई पैन में गुलाबी शैलो फ्राई कर लीजिए।

अब जितनी पतली हो सके उतनी पतली रोटी बेलकर गरम तवे पर उलट पलट कर कच्ची रोटी सेंक लीजिये।

Finally ... Serving time ☺️

1 प्याज के गोल पतले छल्ले काट लीजिये और नींबू के रस में 5 मिनट के लिए भिगो कर निकाल लीजिए।

तवे पर कच्ची रोटी को हल्का सा रिफाइंड लगा कर पराठा कर लीजिए।

Let's arrange the plate ....

हर पराठे पर प्याज के छल्ले लगाइए और उसके ऊपर कबाब को स्प्रेड कीजिये।

पराठे का रोल बनाइये।


हर रोल को टिशू या अलुमिनियम फॉयल में रैप कीजिये।

सादे प्याज के छल्लों , रेड और ग्रीन डीप के साथ खाइये और खिलाइए।



बस वही एक request ....

ब्लॉग को follow कर लीजिए और हो सके तो अपनी राय कमेंट बॉक्स में जरूर लिखिए।

मिलेंगें बहुत जल्दी किसी और रेसिपी के साथ।