Friday 28 August 2020

फटाफट दहीबड़ा


दहीबड़ा हमारे भारतीय भोजन के सबसे महत्वपूर्ण व्यंजनों में से एक विशिष्ट व्यंजन है जिसे विरले ही कोई होगा जो नापसंद करता होगा।


दही बड़ा 12वीं शताब्दी से पहले का व्यंजन है। 12वीं शताब्दी में कर्नाटक के राजा सोमेश्वर तृतीय ने “ मनसोल्लास ” नामक ग्रन्थ की रचना की थी जिसमें दही बड़ों को “ क्षीरवड़ा ” के नाम से हुआ है। 

अलग-अलग बोलियों में दही बड़ा को अलग-अलग नाम से बुलाते हैं जिनको बनाने और परोसने का ढंग भी अलग-अलग होता है। पंजाबी इसे दही भल्ले के नाम से बुलाते हैं। तमिल में थायिर वडाई ,  मलयालम में थायरु वडा , तेलगू में पेरुगु वड़े के नाम से जाना जाता है।

दही बड़ा अधिकांशतः उड़द की दाल से बनता है। छिलके सहित दाल को रात में भिगो कर सुबह रगड़ कर उसका छिलका हटा दिया जाता है तब उसे सिल पर बारीक पीसा जाता है। बड़ों की मुलायमियत इस बात पर निर्भर करती है कि दाल कितनी बारीक पिसी और कितनी बढ़िया फेंटी गयी। आजकल लोग मिक्सी में फटाफट दाल पीसने लगे हैं। धुली उड़द का प्रयोग अधिक होता है। मूंग की दाल उड़द की दाल के साथ मिलकर पीसकर भी बड़े बनते हैं। अकेली मूंग दाल के भी बड़े बनाये जाते हैं।

आज बात करेंगें इंस्टेंट दही बड़े की। यह मेरी बहन प्रीतू मेहरा ने बनाये हैं जिसकी रेसिपी उन्होंने मुझे चित्र सहित भेजी थी।


इंस्टेंट दही बड़ा बनाने के लिए चाहिए ...

ब्रेड स्लाइस     - 6 गोल कटी हुई
उबले आलू      - 2 मध्यम आकार के, मैश किये हुए 
हरी मिर्च          - 1 बारीक कटी 
अदरक             - 1/4 tsp बारीक धागों में कटी 
किशमिश          - 1/2 tbsp
चिरौंजी             - 1/4 tbsp
छुआरा              - 1/2 tbsp बारीक लंबा कटा हुआ 
नमक                - स्वादानुसार
काला नमक       - स्वादानुसार / optional
भुना पिसा जीरा - 1/4 tsp
लाल मिर्च          - 1/ 4 tsp / स्वादानुसार 
हरा धनिया        - 1/2 tsp बारीक कटा
रिफाइंड आयल  - तलने के लिए
दही                    -  1 कप , अच्छी तरह फेंटा हुआ 
शक्कर                - 1 tsp
इमली की खट्टी मीठी चटनी 
हरी धनिया की तीखी चटनी 



ब्रेड स्लाइस से मनपसंद आकार के पीस काट लीजिये।



घर में बनी आटा ब्रेड के आयताकार टुकड़े हों या फिर 



बाजार से ली मिल्क ब्रेड के गोल कटे हुए पीस , दोनों चलेंगें।

दही में शक्कर मिला कर ठंडा होने के लिए फ्रिज में रखें।

आलू में हरी मिर्च , अदरक , नमक मिलाइये। इस मिश्रण में छुआरा, चिरौंजी मिलाइये।




ब्रेड के पीस को आधा दूध और आधा पानी मिलाकर तैयार घोल में भिगोकर हथेली से दबाकर पानी निचोड़ दीजिये।
इस ब्रेड में आलू का तैयार मिश्रण भर कर बॉल बनाइये।



रिफाइंड में गोल्डन फ्राई कीजिये।



बड़ों को तेल से निकाल कर पेपर टॉवल पर रखें और ठंडा होने दें।

परोसने के लिए बड़ों को सर्विंग डिश में रखें।

पहले से फेंट कर रखे ठंडे दही को बड़ों के ऊपर डालें। 

नमक , काला नमक , लाल मिर्च डालें। 

ऊपर से इमली और हरी चटनी डालें।

हरा धनिया सजायें। 




सर्व कीजिये और तारीफ पाइए।

अपनी राय जरूर कमेंट में लिखियेगा।
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Sunday 23 August 2020

खटमीठा करौंदे का अचार

करौंदा

करौंदा एक ऐसा फल है जिसके विविध प्रयोग हैं। इसका तेल और हरी मिर्च वाला अचार , खटमीठा ( खट्टा मीठा ) अचार, जैली, जैम आदि बनता है। आज मैंने बनाया है खटमीठा करौंदे का अचार जो बीच-बीच में धूप दिखा कर आराम से चार महीने स्टोर किया जा सकता है। वैसे आजकल करौंदा पूरे साल बाजार में बिक्री के लिए उपलब्ध रहता है।

Ingredients :-

करौंदा - 100 ग्राम
शक्कर - 100 ग्राम 
पानी    - 11/2 कप
नमक   - स्वादानुसार
काला नमक - 1/6 tsp
काली मिर्च - 1/6 tsp
लाल मिर्च   - 1/6 tsp या स्वादानुसार अधिक या कम 
हल्दी          - 1/6  tsp
पंचफोरन    - 1 tsp
रिफाइंड आयल - 1 tsp




Method :-

कढ़ाई या पैन में पानी और शक्कर डालकर लगभग एक तार आने तक की चाशनी बनाइये और उसमें करौंदा डालिये।

अब करौंदों को चाशनी में धीमी आँच पर ढ़क कर लगभग 3 से 4 मिनट तक पकने दें जिससे करौंदे गल जाये।




अब इसमें हल्दी, लाल मिर्च, काली मिर्च, नमक और काला नमक मिलाइये। 
अच्छी तरह चला कर धीमी आँच पर पकने दें।


तड़का पैन या कलछी में आयल लें और गर्म करें।


अब गर्म तेल में एक चुटकी हींग और पंचफोरन डालें और तड़का तैयार हो जाने पर उबलते करौंदे में मिलायें।


इस स्टेज पर यदि नमक कम लगे तो अतिरिक्त आवश्यकतानुसार नमक मिला लेना चाहिए।
करौंदे को उबले दें और बीच-बीच में चलाती रहें।


जब चाशनी में झाग आना बंद हो जाये तो गैस बंद कर दें।
चाशनी को थोड़ा गीला रहने दें क्योंकि ठंडा होने तक करौंदा अपने भीतर चाशनी का पानी सोखता है।


जाली से ढ़ककर करौंदा ठंडा होने दें।


करौंदे का खटमीठा अचार तैयार है जिसे आप नाश्ते और खाने दोनों में प्रयोग कर सकती हैं।

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अपनी राय लिखना नहीं भूलिएगा प्लीज  ☺️

Thursday 20 August 2020

Cheezzzzzz..... zy Potato Nuggets


Ingredients :-

आलू  - 3 मध्यम आकार के , उबले हुए और बारीक कद्दूकस किये हुए

बारीक सूजी  - 1/2 कप
अगर बारीक सूजी न हो तो जो भी सूजी हो उसे मिक्सी में पीस लें।

चिल्ली फ्लेक्स - स्वादानुसार
Pizza seasoning - 1 sachet
बारीक कद्दूकस किया लहसुन - 5,6 कली
रिफाइंड आयल - 1 tbsp
नमक स्वादानुसार
पानी - 2 कप

चीज़ - 2,3 क्यूब कद्दूकस किये हुए
मोजेरिला चीज़ - 1 tbsp कद्दूकस की हुई या नन्हे क्यूब जो ग्रेन कहलाते हैं - यह ऑप्शनल है

अरारोट - 1/2 कप , गाढ़ा घुला हुआ
अगर अरारोट की कवरिंग न करनी हो तो ...
1/2 कप  बेसन बाइंडिंग के लिए

ब्रेडक्रम्ब - ऊपर से रैप करने के लिए

Method :-

पैन में रिफाइंड आयल गर्म करके लहसुन गुलाबी फ्राई करें।
उसमें चिल्ली फ्लेक्स, सीजनिंग और नमक मिलायें और पानी डालें।
जब पानी में एक उबाल आ जाये तो धीरे-धीरे सूजी डालते हुए लगातर चला कर आटे जैसा dough तैयार करके किसी थाली में फैला कर ठंडा करें। 【 यहाँ यह ध्यान रखना है कि लम्प नहीं बनने पाये और उसके लिए लगातार चलाते रहना होगा। 】

आलू, बेसन ( यदि यह ऑप्शन लिया हो ), चीज़ और तैयार सूजी अच्छी तरह मिलायें।

कटिंग बोर्ड या किचन बोर्ड पर आयल लगायें।



थोड़ा सा मिक्सचर लेकर रोल करके लंबा करें और एक, ढेड़ इंच के टुकड़े काटें।


इन नगेट्स को बोर्ड पर रोल करके स्मूथ शेप दें।

अगर बिना बेसन का तरीका नहीं ऑप्ट किया हो ( अर्थात बेसन नहीं डाला हो तो ) तो अरारोट के घोल में डुबो कर ब्रेडक्रम्ब में लपेट लें।



अन्यथा सादे रोल्स को ब्रेडक्रम्ब में रोल करके सारे नगेट्स तैयार कर लें।



एक पैन में frying के लिए आयल गरम करें। तेज गर्म आयल में गोल्डन फ्राई करें।



पेपर टॉवल पर एक्स्ट्रा आयल सूख जाने दें।


अब मनपसंद हरी चटनी या टोमॅटो सॉस के साथ खाइये और खिलाइए।


फिर से एक ही आग्रह करूँगी कि कृपया मेरे ब्लॉग को फॉलो कर लीजिए और अपनी राय अवश्य लिख दीजिये।
मुझे इंतज़ार रहेगा।

Wednesday 19 August 2020

जग सूना लागे रे आलू तेरे बिना ...

आलू बिना थाली सूनी लगती है। 
आलू है तो भोजन है।
आलू पूरी ही खाना है।
आलू गोभी बना लो।
आलू को बनारसी स्टाइल में दम आलू बना दो।
आलू के कोफ्ते बना लो छेना भर कर।
आलू की पकौड़ी 
आलू का समोसा
आलू की टिक्की 
आलू का कचालू
आलू का रायता .....
फैल गया न रायता ☺️

कुछ कहने की जरूरत नहीं क्योंकि आपको भी पता है और मुझे भी पता है कि ... 
जग सूना लागे रे 
आलू तेरे बिना।
आलू के असंख्य व्यंजन आप जरूर बनाती होंगीं किन्तु मैं आज चर्चा करूँगी हमारे आपके घरों में बनने वाले साधारण से भंडारा वाले आलू की। भोजन भंडारे का हो तो स्वाभाविक है कि प्याज लहसुन वर्जित रहेगा।

भंडारे वाले आलू बनाना बहुत ही आसान है। चलिए रसोई में चलें और सामग्री निकालें।

Ingredients :-


आलू              - 1/2 किलो ,उबाले हुए 
टमाटर            - 2 बारीक कटा हुआ
हरी मिर्च          - 2 बारीक कटी हुई
अदरक            - एक इंच टुकड़ा 
हरा धनिया       - 3 tbsps बारीक कटा
तेल                 - 1 tbsp
जीरा               - 1/2 tsp
हींग                - एक चुटकी 
हल्दी पाउडर    - 1/4 tsp
धनिया पाउडर  - 2 tsps
लाल मिर्च पाउडर - 1/4 tsp
अमचूर पाउडर - 1/2 tsp
गरम मसाला - 1 tsp
नमक स्वादानुसार
        

Method :-

उबले आलू को मनपसंद आकार के टुकड़ों में काट लें।
टमाटर, हरी मिर्च, अदरक को पीस लें।

तेल में हींग जीरे का तड़का लगायें।
हल्दी, लाल मिर्च, धनिया पाउडर डालकर एक मिनट भूनें।
इसमें टमाटर पेस्ट मिला दें और स्वादानुसार नमक डालें और तेल छोड़ने तक भूनें।
इसमें आलू मिलायें और बहुत अच्छी तरह दो तीन मिनट तक भूनें। 
अब इसमें 11/2 कप गरम पानी मिलायें और अमचुर मिक्स करें।  



5 मिनट तक बीच-बीच में चलाते हुए पानी मनपसंद गाढ़ापन आने तक पकायें।
अब गरम मसाला डालकर गैस बंद कर दें।



हरा धनिया मिलायें।
सर्विंग डिश में निकाल लें।

फिर मिलेंगें एक और रेसिपी के साथ।
तब तक आप ये आलू बनाइये और मुझे बताइये जैसा भी अपने महसूस किया हो।
आपके कमेंट्स का इंतज़ार रहे

Tuesday 18 August 2020

छोला भटूरा


Ingredients :-
【 I
चाय की पत्ती - 2 tsps
पानी             - 11/2 कप 

Method :-
चाय को इतना उबालें कि आधी रह जाये।
पानी छान लें।

Ingredients :- 【 II 】
काबुली चना      - 2 कप 
नमक                 - 1 tsp
खाने वाला सोडा - 3/4 tsp
ऊपर बनाया हुआ चाय का पानी 

Method :- काबुली चने/ छोले को 12 घण्टे के लिए रात को भिगो दीजिये।
सुबह उसे हाथ से रगड़ कर उसके छिलके जहाँ तक संभव हो निकाल कर पानी में अलग कर लीजिए। बिना छिलकों के चने अच्छे गलते हैं।

कुकर में छोले डालिये और मात्र इतना पानी साथ रखिये जितने में वे डूबे रहें।
ऊपर से नमक और सोडा डालिये।
उसके ऊपर चाय का पानी डालिये।
कुकर में 6 से 7 सीटी मध्यम आँच पर दीजिये।

Ingredients :- 【 III 】

प्याज            -  2 मध्यम आकार के , बारीक कटे
टमाटर           -  2 मध्यम आकार के, छोटे कटे
अदरक          -   3 इंच का टुकड़ा
हरी मिर्च         - 5 -6 या स्वादानुसार
जीरा              -  1 tsp
हींग                - दो चुटकी
तेजपत्ता          - 3
बड़ी इलायची  - 4
दालचीनी        - 1 इंच का टुकड़ा 
लौंग                - 4,5
काली मिर्च       - 5,6 दाने
नमक               - स्वादानुसार
लाल मिर्च         - 11/2 tsps या स्वादानुसार
हल्दी                - 1 tsp
धनिया              - 4 tsps
अमचुर              - 2 tsps
गरम मसाला      - 11/2 tsps
कसूरी मेथी        - 1 tbsps , रोस्ट की हुई 
हरा धनिया         - 1 tbsp, बारीक कटी हुई 
रिफाइंड ऑयल   - 2 tbsps

Method :-


रिफाइंड आयल गर्म करें। 
आँच मध्यम करें।
जीरा और हींग का तड़का दें।
तेजपत्ता, इलायची, लौंग व काली मिर्च डालकर एक मिनट तक चलायें।
आँच धीमी करें।

कटी हुई प्याज डालकर गहरी गुलाबी भूनें।
हल्दी और लाल मिर्च पाउडर डालकर आधा मिनट तक चलायें।

पिसा हुआ टमाटर पेस्ट मिलायें।
1/2 tsp नमक मिलायें और आँच मध्यम करके तेल दिखाई देने तक भूनें।
धनिया पाउडर, अमचुर, गरम मसाला डालकर एक मिनट तक भूनें।



अब इसमें छोले डालें।
नमक स्वादानुसार बढ़ायें।
आधा गिलास गरम पानी मिलायें।
【 यहाँ पानी अपनी पसंद के अनुसार बढ़ाया भी जा सकता है।】



आँच धीमी करें और 5 मिनट के लिए पकायें।
गैस बंद करें।
कसूरी मेथी मिलायें और 5 मिनट के लिए ढक दें।




सर्व करने से पहले हरा धनिया मिलाना नहीं भूलें।



आइये अब भटूरे बना लिए जायें।
भटूरे मैं दो तरीके से बनाती हूँ।
एक जिसमें मैदे के साथ हल्की सी रोस्ट की हुई सूजी मिलाती हूँ। मैदे में नमक, शक्कर, eno fruit salt, देशी घी और दही को मिलाकर गरम पानी से आटा गूँध लेती हूँ और आधे घण्टे बाद भटूरे बनाती हूँ।

दूसरे तरीके में मैदे में दही, नमक, शक्कर और खाने वाला सोडा मिलाकर आटा गूँधती हूँ और ढ़ककर दो से तीन घण्टे के लिए रख देती हूँ। दो से तीन घण्टे बाद भटूरे बनाती हूँ।

Ingredients :-
【 I 】
मैदा        - 1 कप
सूजी       - 1/4 कप
नमक      - 1/2 tsp
शक्कर     - 2 tsps
देशी घी    - 1 tsp
दही          - 1/4 कप
Eno        - 1 सैचेट 
गरम पानी - आवश्यकतानुसार 

【 II 】

मैदा     - 1 कप
दही     - 1/4 कप
नमक   - 1/2 tsp
शक्कर  - 1 1/2 tsps
खाने वाला सोडा - 1/2 tsp
गुनगुना पानी आवश्यकतानुसार 

यहाँ यदि आप चाहें तो दूसरी विधि से तैयार मैदे से कुलचे भी बना सकती हैं। 
कलौंजी और बारीक कटा हरा धनिया ले लें।
रोटी बेलकर एक साइड पर कलौंजी और हरा धनिया लगा दें और दूसरी साइड पर हल्के हाथ से पानी लगा कर गरम तवे पर चिपका दें। 
तवे को उल्टा करके गैस की फ्लेम से सेंकें। 
कुलचा अपने आप सिंकते ही तवे से गैस पर गिर जायेगा।
फटाफट उलट-पुलट कर सेंक कर हटा लीजिये।
मक्खन लगा कर सर्व कीजिये।

चलिए आप बनाइये छोला भटूरा neeta's ढाबा स्टाइल और तब तक मैं लाती हूँ कोई और रेसिपी जो हमारे हर दिन की पसंदीदा होती है।

आपके सुझाव, आपकी फ़रमाइश का मुझे इंतज़ार रहेगा।


Thursday 13 August 2020

धोखा





 

बरसात हो रही हो , हवा में कुछ ठंडक महसूस हो तो कुछ चटपटा खाने को दिल करता है। बेसन का धोखा खा कर देखिए दिल न खुश हो जाये तो शिकायत के लिए मैं हाज़िर हूँ।

Ingredients :-

बेसन                                - 2 कप

लहसुन अदरक और 

हरी मिर्च का पेस्ट               - 1 tbsp या स्वादानुसार 

नमक                                - स्वादानुसार   

अजवायन                          - 1 tsp से जरा सी अधिक 

लाल मिर्च पाउडर               - 1/4 tsp या अधिक 

हल्दी पाउडर                      - 1/2 tsp

गरम मसाला                      - 1/2 tsp से जरा सा अधिक 

रिफाइंड आयल                  - 2 tbsps 

मीठा सोडा                         - एक चुटकी 

बेसन                                  - 2 कप 

For Final TouchUp :-

प्याज    - 2 मध्यम आकार की, लम्बाई में बारीक कटी हुई

धनिया  - 2 tsps पाउडर 

लाल मिर्च - स्वादानुसार 

हल्दी     - 1/2 tsp

जीरा      - 1/2 tsp

हींग        - एक चुटकी

नमक - यदि जरूरी लगे तो बिलकुल नाम का सिर्फ प्याज के लिए लें

रिफाइंड आयल - 2tbsps

हरा धनिया - बारीक कटा, सर्व करते समय डालने के लिए




बेसन, नमक , गरम मसाला, लाल मिर्च, हल्दी, अजवायन, तेल , अदरक लहसुन व हरी मिर्च का पेस्ट, सोडा मिलाकर कड़ा आटा गूँध लीजिये।



बेसन की छोटी-छोटी गोलियाँ बना लीजिए।



एक भगौने में पानी उबलने रखिये।


बेसन की गोलियों को उबलते पानी में डालिये।

तेज आँच पर लगभग 20 मिनट तक उबालिये।

गोलियाँ अपने आप ऊपर जब तैर आयें तो 2,3 मिनट तक और उबालने के बाद किसी खुली थाली में निकाल लीजिए और एकदम ठंडा होने दीजिए।

ठंडी हो जाने पर गोलियों के दो-दो टुकड़े काट लीजिये।

कुछ लोग नन्हे टुकड़े पसंद करते हैं, उन्हें इसे चार टुकड़ों में काट लेना चाहिए।



कढ़ाई में तेल गर्म कीजिये।

जीरा और हींग का तड़का लगाइए।

प्याज डालकर गुलाबी भूनिये।

प्याज भूनते समय आँच धीमी रखिये जिससे प्याज ठीक से कुरकुरी हो जाये।


प्याज गुलाबी हो जाने के बाद उसमें धनिया पाउडर, लाल मिर्च पाउडर और हल्दी मिलाइये।

एक मिनट तक चलाइये।

इसमें तैयार बेसन के टुकड़े डालिये और धीमी आँच पर भूनिये।

दस मिनट तक भुनने के बाद गैस बंद करके सर्विंग डिश में निकाल लीजिए और हरा धनिया ऊपर से सजा दीजिये।


अब तैयार हो जाइए धोखा खाने और खिलाने के लिए ☺️

चाय या कॉफ़ी के साथ रिमझिम गिरती बूँदों का आनंद लेते हुए धोखा खाइये।

विशेष नोट :- 

यदि आप लंच या डिनर में साइड डिश की तरह धोखा खाना चाहें तो ....

टमाटर  - 4 मध्यम आकार के , मिक्सी में पेस्ट किये हुए

उबला हुआ गरम पानी - एक कप 


धोखा में पानी डालिये और चलाइये।

टमाटर प्यूरी डालिये और दस मिनट तक अच्छी तरह भूनिये।

भूनते समय आँच मध्यम रखिये।

गैस बंद कर दीजिए।

सर्विंग डिश में डालकर ऊपर से हरा धनिया डालिये।


भोजन के साथ सर्व कीजिये।

Sunday 9 August 2020

टमाटर की चटनी 2


टमाटर की इस चटनी की विधि मुझे मेरी मित्र रीना मुखर्जी ने बताई है। अपनी बनाई टमाटर की चटनी का फोटो भी उन्होंने मुझे दिया है। आप इस विधि से चटनी बना कर देखिए उँगलियाँ चाटते रह जायेंगें।

INGREDIENTS :-

  3 tbs refined oil
 1  बड़ा चम्मच  पाँच फ़ोरन 
 3  साबुत लाल मिर्च 
 500gm कटे टमाटर
 150gm चीनी 
 1tbs हल्दी 
 1/2 tbs नमक
 50gm कटे आम पापड़ 
 50gm कटे खजूर 
 4tbs इमली pulp
 50gm भिगोया हुआ किशमिश  
  2tbs पाँच फ़ोरन पाउडर roast करके पीसें
 3 tbs अदरक कद्दूकस की हुई 



तेल गर्म करके उसमें पाँच फ़ोरन + साबुत लाल मिर्च का तड़का लगा के टमाटर+चीनी + आम पापड़ के टुकड़े + खजूर के टुकड़े + हल्दी + नमक सब साथ डाल देना है और चलाते जाना है , गाढ़ा हो जाए तो गैस बंद कर दें।

अब इमली का pulp + भिगोया हुआ किसमिस + roasted पाँच फ़ोरन का पाउडर + कद्दूकस किया हुआ अदरक मिला देना है।

पानी बिलकुल भी ना डालें टमाटर और चीनी से पर्याप्त पानी मिल जाता है।

ध्यान रखिये कि ...

1. पाँच फ़ोरन में सरसों होता है इसलिए अलग से सरसों ना डाले वरना कड़वा हो जाएगा।

2. इतने टमाटर में पाँच फ़ोरन 2 tbs ही डालना है।

3. तड़का में अदरक ना डाल के गैस बंद  करने  के तुरंत बाद डाले इससे अदरक का tangy स्वाद अलग से आएगा।

4. इमली का pulp भी last में डालना है।

5. आवश्यकता हो तो शक्कर की मात्रा बढ़ाई जा सकती है।

Saturday 8 August 2020

टमाटर की चटनी

टमाटर करीब 5 करोड़ साल पहले अंटार्कटिका में विकसित हुआ था। 

किसी प्रमाण के अभाव में ऐसा माना जाता है कि इसकी उत्‍पत्ति दक्षिण अमेरिका से हुई तथा उपनिवेशियों के द्वारा संपूर्ण विश्‍व में टमाटर को फैलाया गया। अपने स्‍वाद और पौष्टिकता के कारण यह विश्‍व में अपना स्‍थान बनाने में सफल रहा। 

मीज़ोअमेरिका के देशों में इसे घरेलू फसल के रूप में इसे वि‍कसित किया गया तथा 500 ईसा पूर्व तक इसका उपयोग शुरू हो गया।

यूरोप को टमाटर से क्रिस्टोफर कोलंबस ने परिचित कराया जो खुद 1493 में इसके संपर्क में आये थे। 

यूरोप में स्‍पेन से टमाटर की कृषि को प्रोत्‍साहन दिया गया। 

19वीं सदी की शुरूआत में टमाटर अंततः एशिया पहुंचा। एशिया में इसकी खेती सीरिया से प्रारंभ हुयी और देखते ही देखते 19वीं सदी के मध्य तक, टमाटर का सीरिया, ईरान और चीन में व्यापक रूप से उपयोग प्रारंभ हो गया।

16वीं सदी में पुर्तगाली मसाला व्‍यापारियों द्वारा टमाटर भारत में लाया गया।

प्रारंभ में भारत में टमाटर यूरोपीयों के खाने में उपयोग किए जाते थे, हालांकि बंगालियों और बर्मा के लोगों ने अपनी खट्टी करी में इसका उपयोग किया। 

भारत के पारंपरिक भोजन में खटास का विशेष महत्‍व है, जिसके लिए इमली, कोकम, सिरका, अमचूर, अनारदाना, दही आदि का उपयोग किया जाता था, आगे चलकर इनमें टमाटर भी शामिल हो गया।



आज बातचीत करेंगें बंगाल में बनने वाली ख़ास टमाटर की चटनी की। Bengali Cuisine की की यह speciality है। As a side dish टमाटर चटनी को lunch या dinner दोनों में serve किया जाता है। Snacks के साथ भी इसे serve किया जाता है।

टमाटर की चटनी कुछ तीखी/ Tangy , थोड़ी मीठी और खट्टी होती है। इसमें शक्कर /गुड़ के साथ इमली , आमपापड़ का प्रयोग किया जाता है जो इसका स्वाद अपनी खटास और मिठास से मुँह में पानी ला देता है। छुआरा/खजूर और किशमिश इसमें फ्लेवर और स्वाद बढ़ाने का कार्य करते हैं।


Ingredients :-

टमाटर , मीडियम साइज के  - 9, 10 

शक्कर                             - 11/2 कप

साबुत लाल मिर्च                - 2,3

पंचफोरन मसाला               - 3/4 tsp

सरसों के दाने                    - 1/2 tsp

Oil                                  - 2 tsps

इमली का पल्प                   - 1 tbsp

अदरक                             - 1/2 tsp 

नमक                               - स्वादानुसार

आमपापड़                         - 2 इंच

                                         स्क्वायर के                   

                                         2, 3 टुकड़े

छुआरा / खजूर                  - 2 tbsps

किशमिश                          - 1 tbsp

पंचफोरन मसाला 

भुना और पाउडर किया हुआ - 1/2 tsp


Preparation :-


किशमिश को  25-30 मिनट के लिए पानी में भिगो दें।

छुआरा पतले टुकड़ों में लंबा काट लें।



टमाटर के चौकोर टुकड़े काट लें।

 


इमली को एक घण्टे पानी में भिगो कर पल्प निकाल लें और छान लें।



आमपापड़ को बारीक छोटे टुकड़ों में काट लें।


Method :- 



तेल गर्म करके उसमें पंचफोरन , सरसों के दाने और साबुत लाल मिर्च डालिये और तड़का तैयार हो जाने पर बारीक कद्दूकस की अदरक डालिये।

टमाटर डालिये और अच्छी तरह उलट-पलट करते हुए दो मिनट तक चलाइये।

इसमें शक्कर डालिये और अच्छी तरह चलाइये।

आमपापड़ और इमली मिलाइये।

स्वादानुसार नमक मिलाइये।

आधा गिलास पानी मिलाइये।

ढक्कन लगाकर मध्यम आँच पर पकाइए।

बीच-बीच में चेक कर लीजिये कि टमाटर अच्छी तरह गल गए हों और जो जूस तैयार हो रहा है उसमें ग्लॉस आ गया हो।

चलाते हुए चटनी को मनचाहा गाढ़ापन आने तक पकाइए।

चटनी का रंग लाल हो जाएगा जो चमकदार होगा।

अब इसमें छुआरा और किशमिश डालकर 3 से 4 मिनट तक और पकाइए।

गैस से उतार लीजिये।

ऊपर से पंचफोरन का पाउडर स्प्रिंकल कीजिये।

सर्विंग बोल में रखिये।


Note :-


1. अदरक optional है।

2. Garnishing के लिए बारीक कटी हरी धनिया डाल सकते हैं।

3. शुगर वाले शक्कर की जगह गुड़ डाल सकते हैं।

4. लाल मिर्च कम या ज्यादा की जा सकती है।

5. तड़का में मीठी नीम/करी पत्ता भी डाल सकते हैं।

6. शक्कर की मात्रा बढ़ाई-घटाई जा सकती है।


Disclaimer : Pictures from Google Picture Gallery with thanks.


क्रमशः   -- टमाटर की चटनी की दूसरी विधि अगले भाग में।

Friday 7 August 2020

इमली की चटनी





 
 

भारत विभिन्न स्वाद के असंख्य व्यंजनों का देश है। हर व्यंजन के स्वाद को महसूस करने का सलीका अलग-अलग है। तमाम तरीके की छोटी-छोटी चीजें मुख्य भोजन के साथ परोसी जाती हैं जो भोजन के प्रस्तुतिकरण को तो ख़ूबसूरत बनाती ही हैं साथ ही भोजन के स्वाद को दुगना कर देती हैं। रायता, सलाद, पापड़, अचार और चटनी उन्हीं में आते हैं।

यहाँ से चर्चा प्रारम्भ करेंगें विभिन्न प्रकार की भारतीय चटनियों की। आज बात करेंगें इमली की ठेठ उत्तर प्रदेश वाली खट्टी मीठी चटनी की जिसमें छुआरा,किशमिश और सोंठ का प्रयोग उसके स्वाद को अवर्णनीय बना देता है। यह स्वाद खा कर ही महसूस किया जा सकता है क्योंकि उसे बताने के लिए शब्दकोश में शब्द ढूँढे नहीं मिलेगा।

आइये एक नज़र इमली से परिचित हो जाया जाए।

इमली एक फल है। इमली का पेड़ फैबासी के परिवार का है और इसका वैज्ञानिक नाम Tamarindus indica है।

इसे अंग्रेजी में इसे Tamarind के नाम से जाना जाता है। 

इस पेड़ का नाम फ़ारसी शब्द `तामार-ए-हिंद` से लिया गया था, जिसका अर्थ है` भारतीय खजूर`। 

हमारे देश की विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं में इमली के अलग-अलग नाम हैं। 

हिंदी में ताम्रलिंडी, अंबिली और इमली के रूप में जाना जाता है। 

बंगाली में इमली को टिनटी, नूली और टेंटुल के नाम से जाना जाता है। 

तमिल और मलयालम में पुली नाम से जाना जाता है।

कच्ची इमली हरे रंग की होती है और पकने के बाद यह लाल रंग में परिवर्तित हो जाती है। इसका स्वाद केवल खट्टा या खट्टा-मीठा दोनों हो सकता है। कच्ची इमली स्वाद में अत्यधिक खट्टी होती है। वहीं पक जाने के बाद इसमें थोड़ी मिठास भी घुल जाती है।

इमली के फायदे :-

विटामिन सी, ई और बी के अलावा इमली में कैल्शियम, आयरन, फास्फोरस, पोटेशियम, मैंगनीज और फाइबर भी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।

इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स भी शामिल हैं, जो आपके स्वास्थ्य के लाभदायक है।

इमली खाकर आप मोटापे से छुटकारा पा सकते हैं। इमली में हाइड्रोसिट्रिक नामक एसिड होता है जो आपके शरीर में बनने वाले फैट को धीरे- धीरे कम करता है। इसके अलावा इमली ओवरईटिंग से भी बचाती है जिससे वजन बढ़ने का खतरा नहीं रहता।

इमली में एंटीऑक्सीडेंट तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं और इसमें टैरट्रिक एसिड होता है जो शरीर में कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोकते हैं।

डायबिटीज के मरीजों के लिए इमली बहुत फायदेमंद है, यह ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद करती है। यह शरीर में कार्बोहाइड्रेट्स को एबजॉर्ब होने से रोकती है, जिसकी वजह से शुगर लेवल बिगड़ता है। शुगर को कंट्रोल करने के लिए एक छोटा ग्लास इमली का जूस फायदेमंद साबित होगा।

इमली हमारे लीवर को बेहतर बनाने के लिए भी काम की चीज है।

इमली ब्लड प्रेशर कंट्रोल करती है।

इमली में आयरन और पोटेशियम होता है जो ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने और रेड ब्लड सेल को बनाने में मदद करती है।

इमली के नुकसान :-

गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इमली के अधिक सेवन से बचना चाहिए, नहीं तो इसके दुष्परिणाम देखने को मिल सकते हैं।

डायबिटीज के मरीजों (जो इंसुलिन या शुगर संबंधित दवा का उपयोग करते हैं) को इमली का उपयोग करते समय अतिरिक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता है। इमली का उपयोग ब्लड शुगर को नियंत्रित करने का काम करता है। ऐसे में इमली के सेवन से डायबिटीज के मरीज में शुगर की मात्रा काफी कम होने की आशंका रहती है।

इमली के प्रयोग से ब्लड शुगर कम होता है। इसलिए, किसी भी सर्जरी से करीब दो हफ्ते पहले से इमली का प्रयोग बंद कर देना चाहिए। हो सकता है कि इसके उपयोग के कारण सर्जरी के बाद ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मुश्किल आए।

माना जाता है कि इमली में खून को पतला करने वाले गुण पाए जाते हैं। इसलिए, अगर आप खून को पतला करने वाली किसी दवा का सेवन कर रहे हैं, तो इमली का उपयोग बिल्कुल न करें। कारण यह है कि खून ज्यादा पतला होने पर किसी दुर्घटना या चोट लगने की स्थिति में शरीर से खून अधिक बह जाने की आशंका रहती है।



Ingredients :-

इमली        - 1/2 कप बीज निकली हुई 

पानी          - 2 कप

हींग           - एक चुटकी

जीरा          - 1/4 tsp

लाल मिर्च    - 1/4 tsp

काला नमक - 1/4 tsp से कुछ अधिक 

सादा नमक  - स्वादानुसार 

गुड़             - 8 tbsps कद्दूकस किया 

सौंफ बड़ी     - 1 tsp 

मंगरैल         - 1/4 tsp

छुआरा         - 3 tbsps लंबा पतला स्लाइस किया हुआ 

किशमिश     - 1 tbsp


Method :-

इमली को रात भर पानी में भिगो दीजिये।

सुबह उसका पल्प निकाल लीजिए।

पल्प को छान लीजिये।


1 tsp रिफाइंड में हींग, जीरा और मंगरैल/कलौंजी का तड़का दीजिये।

लाल मिर्च पाउडर डालिये और इमली का पल्प मिलाइये।

चलाते हुए 2 मिनट पकाइए।


गुड़ व दोनों नमक मिलाइये।

5 मिनट तक पकने दीजिये।

यहाँ पर चटनी का गाढ़ापन अपने हिसाब से रखिये। हो सकता है 3 मिनट बाद ही आपको अपनी पसंद का गाढ़ापन मिल जाये।


सौंफ पाउडर और सोंठ मिलाइये और 1 से 2 मिनट तक और पकाइए।

छुआरा और किशमिश मिलाकर गैस से हटा कर ठंडा कीजिये।


एकदम ठंडा हो जाने पर बोतल में भर कर रखिये।